Narayanpur: भारतीय थलसेना को मेनूवर रेंज स्थापित किये जाने पर खैराभाट गांव के निवासी नाराज जाने क्यों..

 

भारतीय थलसेना को मेनूवर रेंज स्थापित किये जाने के संबंध में कार्य

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खड़कगांव पंचायत के आश्रित गांव खैराभाट में खसरा नंबर 77  में  लगभग 35 हेक्टियर रगबा में अबूझमाड़ के ग्रामीणों को विस्थावित किये जाने का विरोध खैराभाट गांव के ग्रामीणों ने किया हैं।

ग्रामीणों का कहना हैं जिस भूमि में अबूझमाड़ के ग्रामीणों का पुनर्वास किया जा रहा है वह भूमि ग्रामीणों का आस्था और श्रद्धा से जुड़ा है। खैराभाट रूदीप्रथा पारंपरिक आदिवासी रितिरिवाजो से चलती है।

क्या हैं प्रशासन की फैसला

योजना

नारायणपुर जिले के कोहकामेटा तहसील के अंतर्गत 13 ग्राम पंचायतों के 52 आश्रित ग्रामों के लगभग 54543 हेक्टेयर भूमि में भारतीय थल सेना का मेनूवर रेंज स्थापित किया जाना प्रस्तावित है।

प्रभावित क्षेत्र के निवासरत परिवार एवं जनसंख्या के प्रारंभिक सर्वेक्षण हेतु स्थानीय स्तर पर 10 दल का गठन किया गया है। प्रत्येक दल में पटवारी, शिक्षक एवं पंचायत सचिव को शामिल किया गया है।

दिनांक 21.08.2024 से 05.09.2024 तक प्रारंभिक सर्वेक्षण कार्य पूर्ण कर लिया जायेगा।

प्रस्तावित क्षेत्र अतिसंवेदनशील तथा असर्वेक्षित ग्राम हैं, जिसके विस्तृत सर्वेक्षण हेतु ड्रोन, पुलिस बल, वन विभाग का अमला तथा राज्य स्तर के अनुभवी तथा वरिष्ठ अधिकारियों को नियोजित किये जाने हेतु शासन स्तर से आदेश जारी किया जाना उचित होगा। उक्त विस्तृत सर्वेक्षण कार्य हेतु राशि आबंटन.

शासन स्तर से उपलब्ध कराया जाना होगा।

2. प्रस्तावित भूमि पर काबिज व्यक्तियों को मुआवजा एव पुर्नव्यस्थापन:-

भारतीय थलसेना के मेनूवर रेंज हेतु प्रस्तावित भूमि के सभी ग्राम असर्वेक्षित हैं। भूखंडों पर स्थानीय निवासी मकान, बाड़ी, खेत बनाकर काबिज हैं। असर्वेक्षित ग्राम होने के कारण काबिज भूमि पर कब्जेदार को भूमिस्वामी मानकर उन्हें मुआवजा तथा विस्थापित होने पर पुर्नव्यवस्थापन की कार्यवाही हेतु

उच्च स्तर से निर्णय लिया जाना होगा।

3. प्रस्तावित क्षेत्र में अनुमानित परिवार, जनसंख्या तथा काबिज भूमि का विवरण :-

परिवारों की संख्या 2417 (राशन कार्ड के अनुसार)

ग्रामों की जनसंख्या- 9601

मकानों की संख्या- 2417

पशु शेड- 2417

कृषि भूमि 4834 हे.

आवासीय भूमि 97 हे.

भूमि का बाजार मूल्य- 71,28,06,335 (13 पंचायतों के 52 ग्रामों का)

1. मुरनार, घमंडी, कच्चापाल, कलमानार पंचायत 122850 प्रति हेक्टेयर।

2. कंडाडी, डारावाही, कुंदला 372690 प्रति हेक्टेयर

3. नेडनार, कुतुल, गोमागाल, आदेर, कोडोली उर्फ कस्तूरमेटा, धुरबेड़ा 91910 प्रति हेक्टेयर।

कुल भूमि का मुआवजा का परिगणना निम्नानुसार होगा-

(A) भूमि का मूल्य गुणांक कारक

बाजार मूल्य×2 = 71,28,06,335×2 1425612670.00

(B) तोषण 100% = 1425612670.00

योग (A+B) = 285,12,25,340.00

प्रभावित क्षेत्र असर्वेक्षित होने के कारण भूमि पर काबिज व्यक्तियों को भूमिस्वामी मान कर गणना की

गई है। भूमि का बाजार मूल्य समीपस्थ राजस्व ग्राम के अनुसार लिया गया है।

4. प्रस्तावित कुटुबों के लिए पुनर्वासन और पुनर्व्यवस्थापन हकदारी के अवयव (दूसरी अनुसूची के अनुसार)

(1) विस्थापन की दशा में मकान ईकाइयों की व्यवस्था (प्रति परिवार 1.3 लाख)

(2) विस्थापित कुटुंबों के लिए एक वर्ष की अवधि तक जीवन निर्वाह अनुदान

314210000

(प्रति परिवार प्रति माह 3000)

86904000

(3) अनुसूचित जाति/जनजाति विस्थापित कुटुंबों के लिए एक वर्ष की अवधि तक जीवन निर्वाह अनुदान (प्रति परिवार 50000)

120700000

(4) पशुबाड़ा (प्रति शेड 25000)

60350000

(5) एक बार पुर्नव्यवस्थापन भत्ता (प्रति परिवार 50000)

120700000

योग 70,28,64,000

प्रभावित क्षेत्र असर्वेक्षित होने के कारण भूमि पर काबिज व्यक्तियों को भूमिस्वामी मान कर गणना की गई है।

5. पुर्नव्यवस्थापन हेतु वैकल्पिक व्यवस्थापन नारायणपुर जिले में स्थित निम्नानुसार भूमि से चयन किया गया है।

1. खैराभाट प. ह. न. 2, तहसील नारायणपुर, खसरा नंबर 77, रकबा 24.88 हेक्टियर मद घास पर हैं।

2. तेलसी- प. ह. न. 3, खसरा न – 204 ,रकबा – 5.37 हेक्टियर मद घास पर हैं।

3. सुपगांव – प. ह. न.1, खसरा 61/3, रकबा 5 हेक्टियर मद घास पर हैं।

इन गांवों में अबूझमाड़ के ग्रामीणों को विस्थापित किया जा रहा हैं।

 

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